किसी नज़र को तेरा
इंतज़ार आज भी है
कहाँ हो तुम कि ये दिल
बेक़रार आज भी है...
वो वादियाँ वो फ़ज़ायें
कि हम मिले थे जहाँ
मेरी वफ़ा का वहीं पर
मज़ार आज भी है...
वो प्यार जिस के लिये
हमने छोड़ दी दुनिया
वफ़ा की राह पे घायल
वो प्यार आज भी है...
🌹🌹
No comments:
Post a Comment